Which Ekadashi is Today-Parama Ekadashi 2020 Date, Time and Katha

Lets know about which Ekadashi is today? Purushottam Mass Krishna Paksha Parama  Ekadashi 2020 प्रत्येक माह में 2 एकादशी अति है एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में , अमावस्या के बाद आने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी कहा जाता है और पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी कहा जाता है। आइए जानते हैं की आज कौनसी एकादशी है,Which Ekadashi is Today?

parama ekadashi
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मनचाही  सफलता पाना चाहते हैं तो पुरुषोत्तम मास की ये दोनों एकादशी का व्रत विधि विधान से करें। पुरुषोत्तम मास तीन साल में एक बार अति है,तो पुरुषोत्तम माह  में पड़ने वाली एकादशी का महत्व और भी बढ़ जाता है , पुरुषोत्तम माह , भगवान विष्णु का प्रिय माह  है , इस माह में श्री हरी को प्रसन्ना करने के लिए व्रत पूजन किया जाता है , विधि विधान से व्रत और पूजा करने से व्रती को मनचाहा  फल प्राप्त होता है।

 
पुरुषोत्तम एकादशी 2020  व्रत  तिथि :  WHICH EKADASHI is today? PURUSHOTTAM EKADASHI 2020

1)  27-september 2020 रविवार - पद्मिनी एकादशी(पुरुषोत्तमा एकादशी )

 (आश्विन -शुक्ल पक्ष) अधिक मास

 
2) 13 -october 2020 मंगलवार  -परम एकादशी  (पुरूषत्ता एकादशी  
 (आश्विन-कृष्ण पक्ष ) अधिक मास

 परमा एकादशी व्रत मुहूर्त  :KNOW WHICH EKADASHI IS TODAY? PARAMA EKADASHI 2020 MAHURAT

एकादशी तिथि प्रारम्भ    :  (12 october 2020 )  शाम 04 बजकर 38 मिनट से

 एकादशी  तिथि समाप्त :   (13 october 2020 ) दोपहर 02 बजकर 35 मिनट तक

 परमा एकादशी पारण मुहूर्त :(14 october 2020 ) 06:21:33 से 08 :39 :39 तक   अवधि 2 घंटे 18 मिनट

 पुरुषोत्तम मास की कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को परमा एकादशी कहा जाता है , पुराणों में परमा एकादशी का फल अश्वमेघ यज्ञ के बराबर बताया गया है.

 परमा एकादशी व्रत विधि।KNOW WHICH EKADASHI IS TODAY /Parama Ekadashi Vrat Vidhi .

  • एकादशी व्रत दशमी तिथि से ही शुरू हो जाता है ,व्रती को दशमी तिथि में सूर्यास्त से बाद  भोजन  ग्रहण नहीं करना चाहिए, जिससे की पेट में अन्न न हो , साधक को ब्रह्मचार्य का पालन करना चाहिए।

  • परमा एकादशी के दिन प्रातःकाल सुबह उठकर नित्य क्रियाओं से निवृत होकर श्री हरी की पूजा करें । हाथ में पुष्प लेकर एकादशी व्रत का संकल्प लें  और भगावन विष्णु की पूजा करें।

  • भगवान विष्णु को फल,  फूल , वस्त्र,नैवैद्य और  तुलसी अवश्य अर्पित करें।

  • तत्पश्चात विधि पूर्वक उनकी पूजा करें और परमा एकादशी की कथा सुन्नी और पढ़नी चाहिए।

  • कथा सुनने के बाद  भगवान विष्णु के आगे धुप दीप जलाकर आरती करें और मिठाई का भोग  लगाएं

  • द्वादशी के दिन व्रत पारण मुहूर्त में ही खोलें।

परमा एकादशी 2020  महत्व/Parama Ekadashi Significance 2020

  • परमा एकादशी तीन साल में एक बार अति है, इसलिए इसका महत्व बढ़ जाता है

  • जो मनुष्य परमा एकादशी का व्रत करते हैं, वे  विष्णु लोक को जाते हैं।

  • विधि पूर्वक परमा एकादशी का व्रत करने वाले मनुष्य को धन की कमी नहीं होती।

  • मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।

  • जो व्यक्ति श्री हरी की पूजा और व्रत रखता है उसके सारे कष्ट समाप्त हो जाते हैं और उसे जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति होती है।

  • यक्षराज कुबेर ने भी इस एकादशी व्रत का पालन किया था जिससे प्रसन्ना होकर शिवजी ने उन्हें धनाध्यक्ष का पद प्रदान किया।

परमा एकादशी २०२० कथा / Parama Ekadashi 2020 Vrat Katha 

 प्राचीन काल में काम्पिल्य नगरी में सुमेधा नाम का एक ब्राह्मण अपनी पत्नी पवित्रा  के साथ जो की एक पतिव्रता नारी थी, उनके साथ निवास करता था ,यह दंपत्ति बड़े धार्मिक और सेवाभावी थे, दोनों पति पत्नी भूखे रह कर भी अतिथि की सेवा में कोई कमी नहीं रखते थे। एक दिन दरिद्रता और निर्धनता से दुखी होकर ब्राह्मण ने अपनी पत्नी से कहा धनोपार्जन के लिए मुझे परदेस जाना चाहिए इतने कम धनोपार्जन से परिवार चलना अब मुश्किल हो रहा है। तब पवित्रा ने कहा हमें पूर्व जन्म के कर्म अनुसार फल स्वरुप ही ये गरीबी मिली है  , अतः यहीं रहकर ही कर्म कीजिए प्रभु की जो इच्छा होगी वही होगा , पत्नी की बात सुनकर ब्राह्मण ने परदेस जाने का विचार त्याग दिया।

अब ब्राह्मण दंपत्ति के दुःख के दिन समाप्त होने वाले थे , एक दिन  महर्षि कौडिन्य उनके घर पधारे , ब्राह्मण दंपत्ति ने उनका खूब आदर सत्कार किया , उनकी सेवा भाव से महर्षि बहुत प्रसन्न हुए।  ऋषि ने उनकी गरीबी देख कर उन्हें पुरुषोत्तम मास की कृष्णा पक्ष की एकादशी का व्रत विधि विधान से करने के लिए कहा , महर्षि ने उन्हें बताय की दरिद्रता दूर करने का सुगम उपाय यही  है , तुम दोनो परमा एकादशी का व्रत तथा जागरण करो , यक्षराज कुबेर ने भी इस एकादशी व्रत का पालन किया था जिससे प्रसन्ना होकर शिवजी ने उन्हें धनाध्यक्ष का पद प्रदान किया। ब्राह्मण दंपत्ति ने महर्षि के बताये हुए विधि अनुसार व्रत किया जिससे उनकी गरीबी दूर हो गयी और पृथ्वी पर काफी वर्षों तक सुख भोगने के बाद वे दोनों श्री विष्णु के उत्तम लोक को प्रस्थान कर गए।


      इस लेख में आप जान ही गए हैं की आज कौनसी एकादशी है  Which Ekadashi is today ?जो मनुष्य विधि पूर्वक पुरुषोत्तम एकादशी का व्रत करता है , तथा इसका महत्म्य श्रवण करता है ,वह संपूर्ण पापों से मुक्त हो जाता है ,वह विष्णु लोक को प्राप्त होता है,और धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष चारों पुरुषार्थों को प्राप्त कर लेता है।

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