Maa Brahmacharini-जाने माँ का स्वरुप, पूजा विधि, मंत्र ,भोग, महत्व और आरती।

जाने माँ ब्रह्मचारिणी / Maa Brahmacharini की कथा, मंत्र,भोग,और आरती माँ दुर्गा का दूसरा स्वरुप हैं माँ ब्रह्मचारिणी ,नवरात्रि के दूसरे दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है ,इस देवी की उपासना करने से साधक को तप ,त्याग,वैराग्य, सदाचार , संयम की प्राप्ति होती है | Kalash sthapana mantra in hindi and english माँ ब्रह्मचारिणी का स्वरुप देवी का यह रूप बेहद भव्य है और पूर्ण ज्योतिर्मय है ,देवी के दाएं हाथ में जप की माला है और बाएं हाथ में कमण्डल है | Maa Brahmacharini घट स्थापना से लेकर कलश विसर्जन तक का सारा कार्यक्रम माँ ब्रह्मचारिणी की कथा, माँ का नाम ब्रह्मचारिणी कैसे पड़ा पूर्व जन्म में पर्वतराज हिमालय के घोर तपस्या करने पर माँ दुर्गा ने पार्वती के रूप में उनके घर जन्म लिया , पार्वती ही पूर्व जन्म में सती थी , सती शिवजी की पत्नी थी | नारद जी के कहने पर अपने इस जन्म में माँ ब्रह्मचारिणी ने शिवजी को प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की , कई हज़ार वर्ष तक इन्होने केवल फल फूल खाकर ...