INDIRA EKADASHI 2021-Vrat Vidhi, Date, Time, Significance and Katha.
Indira Ekadashi 2021- इस वर्ष इंदिरा एकादशी 2 अक्टूबर 2021 को है ,हिन्दू पंचांग के अनुसार महीने की ग्यारहवी तिथि को एकादशी कहते हैं ,महीने में दो पक्ष पड़ने के कारण हर महीने में 2 एकदशी होती है एक शुक्ल पक्ष और एक कृष्ण पक्ष में इसलिए साल में 24 एकादशी होती है परन्तु अधिक मास की स्थिति में 26 एकदशी भी हो सकती है। आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहा जाता है, श्राद्ध पक्ष में पड़ने के कारण यह एकादशी श्राद्ध एकादशी के नाम से भी प्रसिद्ध है और पितृ पक्ष में पड़ने के कारण इसका विशेष महत्व है।
इंदिरा एकादशी का व्रत रखने से व्रती के पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है ,पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इंदिरा एकादशी का व्रत करने से एक करोड़ पितरों का उद्धार होता है ,यह व्रत पितरों एवं भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस दिन शालिग्राम की पूजा करके व्रत रखने का विधान है , ऐसी मान्यता है की जाने अंजाने किये गए अपने किसी पाप की वजय से कोई पूर्वज यमराज के पास अपने पाप का दंड भोग रहा हो तो विधि विधान से इंदिरा एकादशी का व्रत रखने से उन्हें मुक्ति मिल जाती है।आइए जाने इंदिरा एकादशी कब है , व्रत शुभ मुहूर्त, परं मुहूर्त, महत्व और इंदिरा एकादशी कथा।
Indira Ekadashi 2021 - 2 अक्टूबर 2021 -saturday
एकादशी तिथि प्रारम्भ: 01 अक्टूबर 11 :03 PM
एकादशी तिथि समाप्त : 02 अक्टूबर 11 : 10 PM
पारण मुहूर्त : 3 अक्टूबर -06: 14 से 08 : 36 AM अवधि 2 घंटा 22 मिनट
Indira Ekadashi 2021 |
इंदिरा एकादशी व्रत पूजा विधि :
- एकादशी व्रत दशमी तिथि से ही शुरू हो जाता है , व्रती को एक दिन पहले ही सूर्यास्त के बाद भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए , जिससे पेट में अन्न न हो।
- एकादशी के दिन सुबह स्नान अदि से निवृत होकर , व्रत का संकल्प लें सूर्य देवता को अधर्य दें।
- तत्पश्चात पितरों का श्राद्ध करें , ब्राह्मण को फलाहारी भोजन खिलाकर दक्षिणा देकर विदा करें।
- एकादशी के दिन विष्णुशाहस्त्रनाम का पाठ करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- इंदिरा एकादशी की कथा सुनें और पढ़ें।
- द्वादशी के दिन सुबह ब्राम्हण को भोजन कराकर उन्हें दान दक्षिणा देकर विदा करें।
- पारण समय में ही भोजन करके पारण करें।
इंदिरा एकादशी का महत्व :
यह तो आप जान ही गए हैं की इंदिरा एकादशी 2021 कब है,पूजा विधि ,पूजा का सही महूर्त आइए अब जानते हैं इंदिरा एकादशी का महत्व , पितृ पक्ष में पड़ने की वजय से इंदिरा एकादशी का विशेष महत्व है , पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह करने से एक करोड़ पितरों का उद्धार हो जाता है, और स्वयं के लिए स्वर्ग के मार्ग खुल जाते हैं।
Indira Ekadashi 2021 |
Indira Ekadashi 2021 katha /इंदिरा एकादशी की कथा :
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्राचीन काल में महिष्मति नाम की एक नगरी थी और वहां इंद्रसेन नाम का एक राजा था जो विष्णु भक्त था ,ये राजा बहुत प्रतापी और सर्व सम्पन्न था , उसने अपनी प्रजा को अपने बच्चों की तरह भरण पोषण किया। एक दिन महर्षि नारद उनकी सभा में उनके पिताजी का सन्देश लेकर आये , उनके पिताजी ने कहा था, किसी पूर्व जन्म में कोई विघ्न होने के कारण वह यमलोक में हैं , अगर उनका पुत्र उनके लिए इंदिरा एकादशी का व्रत करें तो उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति हो सकती है , यह सुनकर राजा ने तुरंत इंदिरा एकादशी का व्रत विधि विधान से करने का निर्णय किया और उनके पिताजी बैकुण्ठ चले गए , इंदिरा एकादशी के प्रभाव से राजा भी बैकुंठ चले गए।
इस लेख में आपको इंदिरा एकादशी 2021 कब है ,व्रत विधान , कथा , पारण का सही समय इंदिरा एकादशी का महत्व की संपूर्ण जानकारी दी गयी है।
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